लेखनी कहानी -01-Aug-2023 वो हमसफ़र था, एपिसोड 31
कॉलेज फेयरवल होने में बस तीन दिन बचे थे, उसके बाद कॉलेज बंद हो जाने थे और फिर एग्जाम के समय ही खुलते, अब कोई भी कम्पनी नही आने वाली थी जो कंपनी आयी थी, उन्होंने बहुत से बच्चों के इंटरव्यू ले लिए थे, जिनके नतीजे फेयरवल से एक दिन पहले बताएँगे, लेकिन उसमे भी एक शर्त है कि जिन बच्चों का सिलेक्शन हो गया होगा उन्हें जोइनिंग ज़ब दी जाएगी ज़ब वो फाइनल में भी अच्छी पोजीशन लाएंगे
हंशल को एक तरफ चिंता नौकरी की थी और दूसरी तरफ अपने प्यार का इजहार भी करना था, भले ही हनिश्का से न सही लेकिन सब को बताना तो था ही उनके प्यार के बारे में, हनिश्का से वायदा किया था हंशल ने की वो बिलकुल फ़िल्मी अंदाज़ में उसका हाथ मांगेगा, वैसे तो वो अपने माता पिता के साथ उसके घर जाकर उसका हाथ मांगता लेकिन हनिश्का की भी और उसकी भी ख्वाहिश थी की वो रोमांटिक अंदाज़ में कॉलेज के आखिरी दिन सबके सामने अपने प्यार को शादी के लिए कहे, ताकि सब को पता चल जाए कि हर प्यार करने वाले सिर्फ टाइम पास नही होते,
बस इसी बात की चिंता थी उसे, अभी तो उसने घर पर भी नही बताया था, लेकिन उसे उम्मीद थी कि हनिश्का सब को पसंद आएगी रंग रूप में भी और व्यवहार में भी,, यहाँ तक की कास्ट को लेकिन भी कोई रूकावट नही होगी,,, इतना तो भरोसा था उसे अपने माता पिता पर,,, और वैसे भी ज़ब उसकी नौकरी लग जाएगी तब भी तो उसकी माँ और रिश्तेदार उसके पीछे पड़ ही जाएंगे शादी को लेकर,,,इससे अच्छा है कि पहले ही सब कुछ सुलझा दिया जाए बस इसी सोच विचार में वो किताब हाथ में थामे मंद मंद मुस्कुरा रहा था कि तब ही पीछे से आकर काजल ने उसके हाथ से किताब छीन ली और दूर जाते हुए बोली " क्या बात है, बहुत ही मंद मंद मुस्कुराया जा रहा है,,, हमें भी तो पता चले "
"काजल,,, तू कहा से और कब आयी,,, मेरी किताब दे,,, मुझे पढ़ना है" हंशल ने कहा।
"दरवाज़े से और कहा से और ज़ब आयी, ज़ब आप न जाने किन ख्यालों में खोये हुए थे,, सच सच बताना,,, कोई लड़की का मामला है ना " काजल ने कहा
"बहुत मारूंगा,,, जल्दी से मेरी किताब वापस कर,,, एग्जाम सर पर है,,, और तू है परेशान करने चली आयी " हंशल ने कहा अपनी कुर्सी से उठते हुए
"देती हूँ,,,, देती हूँ,,, लेकिन उससे पहले उसका नाम तो बता दीजिये जिसके ख्यालों में आप गुम थे " काजल ने हंशल के करीब आते हुए कहा
"अभी बताता हूँ तुझे,,, क्या तुझे पढ़ाई नही करनी,,, तेरे भी तो एग्जाम आने वाले है " हंशल ने कहा
"क्या भैया,,? आप भी माँ की तरह पढ़ाई को लेकर पीछे पड़ गए हो,,, बंदा सुकून से दो घड़ी बात भी नही कर सकता,, हर समय पढ़ाई पढ़ाई,,, कॉलेज में भी पढ़ाई, घर पर भी पढ़ाई,, तंग आ गयी मैं तो " काजल ने कहा किताब देते हुए।
"ऐसा नही कहते है,,, हम सब तेरे भले के लिए ही तो तुझे पढ़ने लिखने का कहते है,,, तू पढ़ लिख जाएगी तो तेरे ही काम आएगा " हंशल ने कहा।
"ठीक है,,, ठीक है,,, जानती हूँ,,, अच्छा मुझे बताओ ना कौन है, वो जिसके ख्याल में आप खोये हुए थे " काजल ने कहा चहरे पर मुस्कान सजाते हुए।
"कोई नही है,,, बेवजह पीछे पड़ गयी मेरे " हंशल ने कहा उसे डांट लगाते हुए
"मत बताओ,, ज़ब मम्मी पूछेंगी तब उन्हें ही बताना,,, क्या मैं जानती नही हूँ,,, आप रात को किससे बातें करते हो,,, मैंने देखा है आपको किसी से बातें करते " काजल ने कहा।
"क्या, तू मेरी बातें सुनती है,,, तू रुक मैं बताता हूँ तुझे,,, तू मेरे कमरे की निगरानी रखती है " हंशल ने कहा उसका कान मरोड़ते हुए।
"आ,,, आ,,,, भैया दर्द हो रहा है,,, अच्छा माफ करदो आईन्दा नही करुँगी प्लीज दुख रहा है " काजल ने कहा थोड़ा दर्द भरी आवाज़ निकालते हुए
"ठीक है,,, अभी तो छोड़ देता हूँ,,, अगर मुझे पता चला की तूने माँ को कुछ बताया है,, तो फिर देखना तेरी खेर नही " हंशल ने कहा उसका कान छोड़ते हुए
"थैंक गॉड"काजल ने एक गहरी सास लेते हुए कहा और फिर हंशल की तरफ देखा और बोली " इसका मतलब कोई है,,, जिससे आप बातें करते हो,,, यानी की मेरा झूठा तीर सही निशाने पर लग गया,,, कोई है आपकी जिंदगी में "
काजल ने ये कहा उसके बाद हंशल ने उसकी तरफ देखा और कहा " क्या? तू झूठ कह रही थी,,, तुझे नही छोडूंगा,,, तू बहुत तेज हो गयी है,, "
"वो तो मैं पहले से ही तेज हूँ,,, अच्छा अब बता भी दो मुझे छोटो बहन से क्या छिपाना,,, मेरी होने वाली भाभी कौन है,, क्या मैं जानती हूँ,,, कही आँचल तो नही " काजल ने कहा सामने खडे हंशल से।
"हट पागल, जो मूंह में आ रहा है बके जा रही है,,," हंशल ने कहा।
"अब बता भी दो भैया, वरना मैं यूं ही बेतुके तुक्के लगाती रहूंगी, बतओना कौन है?, कैसी दिखती है,,, मुझे कब मिला रहे हो,,, " काजल ने एक सास में सब कह डाला
उसे इस तरह उत्सुक होता देख हंशल खुद को रोक ना पाया और उससे वायदा लेते हुए कहा " काजल! ये बात मैंने अभी तक किसी को भी नही बताई है यहाँ तक की मेरे जिगरी दोस्त अभीर को भी इस बात से वांछित रखा है,,, मेरे और तेरी होने वाली भाभी के बाद अगर कोई होगा जो हमारे प्यार के बारे में जानता होगा तो वो तू होगी,,, काजल एक लड़की है जिसे मैं कॉलेज में पसंद करता हूँ और वो भी मुझे पसंद करती है,, हम दोनों ही एक दुसरे को पसंद करते है,, ये बात मेरे और उसके अलावा किसी को भी नही मालूम लेकिन हाँ आने वाले फेयरवेल में मैं उसे प्रोपोज़ कर सबको बता दूंगा कि मैं और हनिश्का एक दुसरे से प्यार करते है और शादी करना चाहते है "
"क्या, हनिश्का,,, हनिश्का नाम है होने वाली भाभी का?" काजल ने थोड़ा जोर से कहा
"देखा, इसलिए नही बता रहा था अब तू पूरे मोहल्ले को बता देना,,, मुझे बताना ही नही चाहिए था,, मैं ही पागल हूँ जो तेरी उत्सुकता को देख पिघल गया " हंशल ने कहा।
"माफ करदे भाई,,, बस क्या करू होने वाली भाभी का नाम सुना तो थोड़ा चौक गयी,,, हंशल और हनिश्का कितनी मस्त जोड़ी लग रही है,,, मानो भगवान ने स्वयं बनायीं हो,,, नाम कितना मिल रहे है,,," काजल ने कहा।
काजल के मूंह से उन दोनों के नाम कि जोड़ी कि तारीफ करते देखा हंशल मुस्कुरा उठा और बोला " हाँ, वो तो है ऐसा तो सिर्फ फिल्मों में होता है, हकीकत में तो इस तरह के संयोग थोड़ा मुश्किल ही होते है "
"अब तो यकीन आ गया ना,,, अब बस घर पर भी बता दीजिये,,, ओह भगवान मुझे तो अभी से इतनी ख़ुशी हो गयी है,,, मन कर रहा है कल ही आपको घोड़ी पर चढ़ा कर भाभी को घर ले आउ " काजल ने कहा ख़ुश होते हुए।
हंशल उसे देख हस्ते हुए बोला " थोड़ा सब्र रख छोटी,,, अभी तो मेरी नौकरी भी नही लगी "
"वो भी लग जाएगी,,, मेरा भाई है ही इतना अच्छा,,, भला कौन मेरे इतने प्यारे भाई को नौकरी पर नही रखेगा उस कि कंपनी ही बंद हो जाए जो मेरे भाई को नौकरी ना दे " काजल ने कहा।
"पगली तू नही सुधरेगी,,, चल अब जा यहाँ से,, और हाँ वायदा कर किसी को नही बताएगी,,, वरना आज के बाद तेरी और मेरी दोस्ती ख़त्म हो जाएगी,,, तू चाहती है कि मेरी दोस्ती तुझसे टूट जाए " हंशल ने कहा
"पिंकी प्रॉमिस भैया,,, ये बात मेरे अलावा किसी और को पता लग जाए तो आप मुझसे सारे रिश्ते नाते खत्म कर देना, ये काजल रस्तोगी की जुबान है "काजल ने कहा फ़िल्मी अंदाज़ में
हंशल उसे इस तरह कहते देख मुस्कुरा उठा और उसे गले से लगा लिया लेकिन तब ही पीछे से कोई अंदर आ गया जिसे देख वो दोनों घबरा जाते है
आखिर कौन आया था हंशल के कमरे में जानने के लिए पढ़ते रहिये